लफ्ज़ फीके थे मगर जायका शायद तेरे लबो का था! लफ्ज़ फीके थे मगर जायका शायद तेरे लबो का था!
चलो आज मैं रोता हूँ, तुम चुप करा लो, नारी बनता हूँ मैं! चलो आज मैं रोता हूँ, तुम चुप करा लो, नारी बनता हूँ मैं!
एक लड़का जो शायराना सा दिवाना था, तबियत से तुम्हारे दिल का परवाना था... एक लड़का जो शायराना सा दिवाना था, तबियत से तुम्हारे दिल का परवाना था....
एक औरत ही औरत की दुश्मन बन जाती है! एक औरत ही औरत की दुश्मन बन जाती है!
तो इतना न सोचना, पर उनसे पूछना क्यों करते हैं वे ऐसा ? तो इतना न सोचना, पर उनसे पूछना क्यों करते हैं वे ऐसा ?
मन चाहता है खुले आसमान में उड़ता जाऊं, पंछियों संग आसमा में मै भी पंख फैलाऊँ।। मन चाहता है खुले आसमान में उड़ता जाऊं, पंछियों संग आसमा में मै भी पंख फैलाऊँ...